सोमवार, अप्रैल 12, 2010

थैंक्यू सानिया ....

इंटर्न - सर उजड़ी हुई बस्ती के लोगों के बारे में एक खबर है ।
प्रोड्यूसर- नहीं इसमें कोई चार्म नहीं है ।
इंटर्न - सर गरीब बच्चों की खबर है ।
प्रोड्यूसर - नहीं इसमें भी कोई चार्म नहीं है
इंटर्न - सर सानिया का वेडिंग ड्रेस पिंकू दर्जी ने सिला है ।
प्रोड्यूसर - हां ये खबर है , पता करो कि उस दर्जी का नाम क्या है और उसकी पूरी हिस्ट्री निकाल लो। ........
सानिया के बारे में खबर तब तक जारी रहेगी जब तक शोएब से सानिया तलाक न ले ले । फिलहाल भारतीय इलेक्ट्रानिक मीडिया के लिए खबरों का भंडार लगाने के लिए तहे दिल से भारतीय मीडिया उनका शुक्रिया अदा करती है । दूध और बिजली की कीमत तो हर रोज ही बढ़ती है प्यारे ,,,,,,,

7 टिप्‍पणियां:

  1. ye kaichi saaniya ko thanking gift k rup me achhi hai. bhaiya desh ki is garibi me bazar ki garibi kewal garibon k liye hi hai. baaki to sab IPL aur Sania ki shaadi ke liye paise ki ganga yamuna ki aviral dhar hai. (61 lac as meher)by shoib to sania*

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  2. zamaana beet gayaa hindi main vishesh tippani kiye... par ye baat toh sach hai ki hindustani media ki haalat buri hai, basti main rehne waalon ki koi keemat nahi, na hi unke haalaat ko koi sudharna chahta hai, agar khabron main aane layak kuch hai to sansani... kis darji ne kis haalat main silli sania ki shaadi ka joda??? ya IPL par kya pahen ke pahunchi Zinta???
    hai re media

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  3. just me...thx for ur comments. yes its true media has no issues rit now n he is in big dilemma. love sex and dokha in every field n for covering the bogus news there are lots of media..hehehehehe

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  4. Actually sarvesh issues ha..but vo bikte nhi...and our media is depend on market so....
    accha likha ha...interesting post..keep writing like this..

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  5. खुद्दार एवं देशभक्त लोगों का स्वागत है!
    सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाले हर व्यक्ति का स्वागत और सम्मान करना प्रत्येक भारतीय नागरिक का नैतिक कर्त्तव्य है। इसलिये हम प्रत्येक सृजनात्कम कार्य करने वाले के प्रशंसक एवं समर्थक हैं, खोखले आदर्श कागजी या अन्तरजाल के घोडे दौडाने से न तो मंजिल मिलती हैं और न बदलाव लाया जा सकता है। बदलाव के लिये नाइंसाफी के खिलाफ संघर्ष ही एक मात्र रास्ता है।

    अतः समाज सेवा या जागरूकता या किसी भी क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को जानना बेहद जरूरी है कि इस देश में कानून का संरक्षण प्राप्त गुण्डों का राज कायम होता जा है। सरकार द्वारा जनता से टेक्स वूसला जाता है, देश का विकास एवं समाज का उत्थान करने के साथ-साथ जवाबदेह प्रशासनिक ढांचा खडा करने के लिये, लेकिन राजनेताओं के साथ-साथ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसरों द्वारा इस देश को और देश के लोकतन्त्र को हर तरह से पंगु बना दिया है।

    भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर, जिन्हें संविधान में लोक सेवक (जनता के नौकर) कहा गया है, व्यवहार में लोक स्वामी बन बैठे हैं। सरकारी धन को भ्रष्टाचार के जरिये डकारना और जनता पर अत्याचार करना प्रशासन ने अपना कानूनी अधिकार समझ लिया है। कुछ स्वार्थी लोग इनका साथ देकर देश की अस्सी प्रतिशत जनता का कदम-कदम पर शोषण एवं तिरस्कार कर रहे हैं। ऐसे में, मैं प्रत्येक बुद्धिजीवी, संवेदनशील, सृजनशील, खुद्दार, देशभक्त और देश तथा अपने एवं भावी पीढियों के वर्तमान व भविष्य के प्रति संजीदा व्यक्ति से पूछना चाहता हूँ कि केवल दिखावटी बातें करके और अच्छी-अच्छी बातें लिखकर क्या हम हमारे मकसद में कामयाब हो सकते हैं? हमें समझना होगा कि आज देश में तानाशाही, जासूसी, नक्सलवाद, लूट, आदि जो कुछ भी गैर-कानूनी ताण्डव हो रहा है, उसका एक बडा कारण है, भारतीय प्रशासनिक सेवा के भ्रष्ट अफसरों के हाथ देश की सत्ता का होना।

    शहीद-ए-आजम भगत सिंह के आदर्शों को सामने रखकर 1993 में स्थापित-"भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान" (बास)- के सत्रह राज्यों में सेवारत 4300 से अधिक रजिस्टर्ड आजीवन सदस्यों की ओर से मैं दूसरा सवाल आपके समक्ष यह भी प्रस्तुत कर रहा हूँ कि-सरकारी कुर्सी पर बैठकर, भेदभाव, मनमानी, भ्रष्टाचार, अत्याचार, शोषण और गैर-कानूनी काम करने वाले लोक सेवकों को भारतीय दण्ड विधानों के तहत कठोर सजा नहीं मिलने के कारण आम व्यक्ति की प्रगति में रुकावट एवं देश की एकता, शान्ति, सम्प्रभुता और धर्म-निरपेक्षता को लगातार खतरा पैदा हो रहा है! क्या हम हमारे इन नौकरों (लोक सेवक से लोक स्वामी बन बैठे अफसरों) को यों हीं सहते रहेंगे?

    जो भी व्यक्ति इस संगठन से जुडना चाहे उसका स्वागत है और निःशुल्क सदस्यता फार्म प्राप्त करने के लिये निम्न पते पर लिखें या फोन पर बात करें :
    डॉ. पुरुषोत्तम मीणा, राष्ट्रीय अध्यक्ष
    भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)
    राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यालय
    7, तँवर कॉलोनी, खातीपुरा रोड, जयपुर-302006 (राजस्थान)
    फोन : 0141-2222225 (सायं : 7 से 8) मो. 098285-02666
    E-mail : dr.purushottammeena@yahoo.in

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