टशन, एक विज्ञापन से इस शब्द का फैलाव हमारे समाज कुछ इस तरह से हुआ कि युवा पीढ़ी इसकी जद में आ गई। इग्जैक्ट मीनिंग तो मैं नहीं बता सकता लेकिन इसे कुछ लोग( युवा ) भोकाल कहते हैं तो कुछ लोग ऐटिट्यूड। जी हां टशन का होना अच्छी बात है और जब किसी बात में टशन हो तो फिर क्या बात है। ब्लॉग में बेलाग टिप्पणी कर अपनी टीस या सभ्य शब्दों में कहें तो भावों को निकालने में इस टशन का यूज ही 'टीस का टशन' को जन्म देती है।
ये क्यों कहें कि दिन आजकल अपने खराब हैं
कांटों में घिरे हैं समझलो गुलाब हैं...
बुधवार, जून 29, 2011
जल्द आ रहा हूं नई पोस्ट के साथ ........इंतजार करिए ।
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